रतलाम. प्रशासन ने मंगलवार को जिला अस्पातल में ओपीडी के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं वसूलने का निर्णय लिया है। कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने रोगी कल्याण समिति द्वारा निर्धारित शुल्क 10 रुपए की पर्ची करटवाने पर 14 अप्रैल तक रोक लगा दी है। प्रशासन के इस फैसले से गरीब और निर्धनों को बड़ी राहत मिलेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से जिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में प्रतिदिन 350 से 400 ओपीडी हो आ रही है। सबसे ज्यादा मरीज सर्दी, खांसी, जुकाम के अलावा स्क्रीनिंग करवाने वाले मरीज हैं।
वर्तमान में अधिकतर मरीज गरीब व सामान्य वर्ग के आ रहे हैं। इन्हें पहले 10 रुपए फीस जमा करवाना होती है। उसके बाद ही डाॅक्टर तक पहुंच पाता है। जब शासन-प्रशासन इलाज फ्री कर रहा है तो वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ओपीडी पर्ची शुल्क बंद कर दिया जाना चाहिए। कई बार 10 रुपए को लेकर काउंटर पर बैठे कर्मचारी व मरीज के बीच विवाद की स्थिति भी बन जाती है। कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे और जिला पंचायत सीईओ भव्य मित्तल ने पर्ची कटवाने की अनिवार्यता को 14 अप्रैल तक के लिए खत्म कर दिया है।
कोराेनावायरस के कारण लॉकडाउन है। ऐसे में लोगों को आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए समय में छूट दी जा रही है। गरीब, मजदूर वर्ग से जरूरतमंद और सामान्य वर्ग के लोगों तक फ्री भोजन व भोजन सामग्री तक पहुंचाई जा रही है। दूसरी तरफ जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ भी लग रही है। प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद है, ऐसे में आम से लेकर खास तक जिला अस्पताल पहुंच रहा है। जहां सामान्य दिनों में करीब 200 ओपीडी होती है। मौसमी बीमारी के समय करीब 300 तक हो जाती है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण जिला अस्पताल में 350 से 400 तक ओपीडी पहुंच रही है। इनसे ओपीडी पर्ची शुल्क के रूप में 10 रुपए रोगी कल्याण समिति द्वारा लिया जाता है। हालांकि दीनदयाल कार्डधारियों सहित कुछ अन्य को कार्ड दिखाने पर छूट मिल जाती है।