उज्जैन. शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर तड़के 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खुले। भस्म आरती के बाद सुबह 5.30 बजे से दर्शन शुरू हुए, जो 44 घंटे चले। शनिवार सुबह चंदन श्रृंगार के बाद बाबा ने सेहरा स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। इसके बाद साल में एक बार दोपहर 12 बजे होने वाली भस्म आरती में हजारों भक्त शामिल हुए। भस्म आरती में वीआईपी दर्शन को लेकर कुछ कांग्रेसियों ने मंदिर परिसर में जमकर नारेबाजी की। भस्मआरती के लिए हरसिद्धि चौराहे से प्रवेश दिया गया। श्रद्धालुओं ने चार नंबर गेट से मंदिर में प्रवेश किया। मंदिर के पट शनिवारा रात साढ़े 10 बजे बंद होंगे।
शुक्रवार को भी नंदीगृह में प्रवेश के लिए कांग्रेस नेताओं में हुई थी होड़, धक्का-मुक्की
शुक्रवार दोपहर 12 बजे होने वाले शासकीय पूजन के लिए प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा आए। उनके साथ कई नेता भी पहुंचे। नेताओं को पूजन के लिए जाने की इतनी जल्दी थी कि वर्मा को भी वे नजरअंदाज कर गए। जलद्वार पर उनके बीच धक्का-मुक्की होने लगी। यह देख वर्मा पूजन की थाली लेकर एक तरफ खड़े हो गए। अधिकारियों ने प्रभारी मंत्री के लिए रास्ता बनाया तब वे नंदी हॉल में पहुंचे। प्रभारी मंत्री ने पूजा की थाली मंदिर की परंपरा के अनुसार कलेक्टर शशांक मिश्र को सौंपी। शासकीय पूजा के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से 11 हजार रुपए भी भेंट किए। गृह मंत्री बाला बच्चन भी दर्शन के लिए ने मंदिर आए।
पहली बार लगी महाकाल से छत्री चौक तक कतार
महाशिवरात्रि पर पहली बार दर्शन के लिए महाकाल से छत्री चौक तक श्रद्धालुओं की कतार लगी। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे से दर्शन शुरू हुए, लेकिन लोग रात 2 बजे से कतार में लग गए थे। इसलिए सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं की कतार हरसिद्धि की ओर से हरसिद्धिपाल, कहारवाड़ी, चौबीसखंभा, पटनीबाजार, गोपाल मंदिर होकर छत्री चौक के खड़े हनुमान मंदिर तक पहुंच गई थी। मंदिर समिति के प्रशासक एसएस रावत के अनुसार होल्ड-अप की जरूरत नहीं पड़ी। श्रद्धालुओं की कतार लंबी हुई, लेकिन इससे सुविधाजनक दर्शन हुए। इस बार मंदिर से 700 मीटर दूर हरसिद्धि चौराहे से कतार शुरू की गई। इससे यह फायदा हुआ कि मंदिर के अासपास भीड़ का दबाव नहीं बना। दर्शन के बाद लोग मंदिर से बाहर हो गए।
अन्नक्षेत्र में पांच क्विंटल फलाहारी प्रसाद वितरित
मंदिर के नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में श्रद्धालुओं को 2 क्विंटल खिचड़ी, 150 किलो हलुआ, 150 लीटर लस्सी, 50 किलो आलू चिप्स का फलाहार परोसा गया। निर्गम मार्ग पर अनेक संगठनों ने भी फलाहारी, फल और पेयजल वितरित किया।
11 लाख से ज्यादा का दान
- विशेष दर्शन शुल्क से 912750 रु.
- अन्नक्षेत्र में दान से 21876 रु.
- अन्य स्रोतों से आय 170733 रु.